जब उम्र बढ़ने के साथ एक ख़ास उम्र में आपकी आँख का लेंस धुंधला पड़ जाता है और बीनाई (विजन आपका, नजर आपकी) कमज़ोर पड़ने लगती है तब इस स्थिति को कहा जाता है सफ़ेद मोतिया
क्यों हो जाता है नेत्र लेंस गन्दला (क्लाउडी)?
दरअसल लेंस में एक प्रोटीन बढ़ने लगता है जो इसे मेघाछन्न (क्लाउडी) बना देता है. नतीजे के तौर पर अब इससे निर्बाधरूप प्रकाश नहीं वर्तित (रिफ्रेक्ट) हो पाता है
शुरूआती दौर में लेंस अनियमित तौर पर प्रकाश को मोड़ने (अपवर्तित करने) लगता है नतीज़न बीनाई के चश्मों (रीडिंग ग्लास) का नम्बर बढ़ने लगता है.
सफ़ेद मोतिया – इसका कारण
सफ़ेद मोतिया के लक्षण (Symptoms of Cataract):
रोजमर्रा के जीवन को असर ग्रस्त कर सकता है सफ़ेद मोतिया. इसके लक्षणों में शामिल हैं:
सफेद मोतिया का इलाज (Treatment of Cataract):
शल्य चिकित्सा ही करवानी चाहिए सफ़ेद मोतिया होने पर. किसी भी और के झांसे में न आएं. नीम हकीम बहुत हैं आपके आसपास.
शल्य के दौरान सर्जन (शल्यक, जर्राह) गंदले लेंस को हटाकर उसके स्थान पर आँख के भीतर ही अंत: नेत्रलेंस फिट (प्रत्यारोपित) कर देता है.
बेशक आपको चंद रोज़ अभी भी चश्मे लगाने पड़ सकते हैं लेकिन जल्दी ही आपकी नजर (बीनाई) सफ़ेद मोतिया से पहले, जैसी थी, वैसी ही, हो जायेगी.
सफ़ेद मोतिया के शल्य में आई तेज़ी ने अब चश्मों से निजात दिलवा ही दी है. तरह तरह की सर्जरी काम में ली जाती है सफ़ेद मोतिया के इलाज़ में.
अति शूक्ष्म चीरे वाला शल्य (Micro Incision Phaco-Cataract Surgery):
कब करवाई जाए सफ़ेद मोतिया की सर्जरी?
जैसे ही सफ़ेद मोतिया आपकी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में व्यवधान डाले वैसे ही सर्जरी करवा लें. मोतिया के पकने का इंतज़ार न करें.
जितना आप इंतज़ार करेंगें उसी अनुपात में शल्य भी पेचीला हो जाएगा. बीनाई भी ज्यादा असर ग्रस्त होती जायेगी. वक्त जाया न कीजिए.
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डॉ. अनंतवार
अनंतवार ऑय हॉस्पिटल
पॉवरग्रिड चौक नागपुर
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